मांडू इमली के 19 पेड़ चेन्नई भेजे थे, 8 बीच में ही गायब
इंदौर – वन विभाग में पेड़ों की चोरी से जुड़ा अनोखा घोटाला सामने आया है। मांडू की इमली (खुरासानी इमली, कल्प वृक्ष) के 19 पेड़ चेन्नई में बन रहे ईको पार्क में उगाए जाने के लिए भेजे गए थे, लेकिन वहां जो ट्रक पेड़ लेकर पहुंचे, उसमें 11 पेड़ ही निकले। 8 पेड़ कहां गए, वहां क्यों नहीं पहुंचे, इसके लिए राज्य स्तरीय जांच कमेटी गठित की गई है।
कमेटी पता लगा रही है कि पेड़ जब मांडू से लोड हुए तो चेन्नई तक कैसे नहीं पहुंचे। एक बात यह भी सामने आ रही है महू स्थित कोदरिया में आलू की चिप्स के कारखानों में लकड़ी सप्लाय की गई है। वन विभाग ने बगैर टीपी के एक गाड़ी भी पकड़ी है, कहीं खुरासानी लकड़ी के पेड़ों को काटकर तो वहां सप्लाय नहीं कर दिया।
खुरासानी इमली के सबसे ज्यादा पेड़ प्रदेश में मांडू में ही पाए जाते हैं। चेन्नई और हैदराबाद के वन विभाग का अमला मांडू आया था। खत्म हो रही खुरासानी इमली के पेड़ों को देशभर में फैलाने के उद्देश्य से यहां के पेड़ों को वहां पर ट्रांसप्लांट करने की सहमति बनी थी। इसी कड़ी में मांडू में 19 पेड़ चिह्नित किए गए थे। इन पेड़ों को काट-छांट के बाद ट्रकों में लोड कर चेन्नई भेजा गया था।
एक टीम चेन्नई भी भेजेंगे
अपर प्रधान मुख्य सचिव बीएस अन्निगेरी का कहना है कि हम चेन्नई भी एक टीम भेज रहे हैं, जिसमें धार रेंजर, एसडीओ सहित अन्य कर्मचारी शामिल हैं। वहां भी इस बात की तस्दीक की जाएगी कि वाकई में पेड़ कम पहुंचे हैं। स्थानीय स्तर पर भी हम जांच कर रहे हैं।
शक की सूई आलू चिप्स कारखाने पर
सीसीएफ एमएस सनोड़िया का कहना है कि इस मामले की राज्य स्तरीय कमेटी जांच कर रही है। कोदरिया में आलू की चिप्स के कारखानों में अवैध लकड़ी सप्लाय किए जाने की भी जांच की जा रही है। यहां पर सप्लाय के लिए करीब 100 टीपी काटी गई थी, लेकिन 200 से ज्यादा ट्रकों से लकड़ी सप्लाय की गई है। कारखानों के बाहर लकड़ी के ढेर लगे हुए हैं। डीएफओ महेंद्र सिसौदिया के मुताबिक इस मामले की भी जांच चल रही है।
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