मकान तोड़ने पर इंदौर हाईकोर्ट ने कहा- नियमों का पालन किए बगैर मकान तोड़ना हो गया फैशनेबल
प्राकृतिक न्याय सिद्धांत का पालन किए बगैर किसी का भी मकान तोड़ रहे
इंदौर – उज्जैन नगर निगम द्वारा एक मकान को तोड़े जाने का प्रकरण मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंठपीठ में चल रहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि नियमों का पालन किए बिना किसी का भी मकान तोड़ना फैशनेबल हो गया। नगर निगम ने पिछले साल सितंबर 2023 को सांदीपनि नगर में एक महिला का मकान तोड़ा था। निगम की कार्रवाई के खिलाफ महिला ने कोर्ट में याचिका लगाकर मुआवजा देने की मांग की थी। इस प्रकरण में कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करने के अलावा महिला को एक लाख का मुआवजा देने के लिए भी कहा है। उज्जैन नगर निगम ने पिछले साल कई निर्माणों को तोड़ा है। कई माफिया के अवैध निर्माणों को भी तोड़ा जाता है। पिछले साल दिसंबर माह में एक महिला का भी मकान नियमों का पालन किए बगैर तोड़ा था।
इस कार्रवाई से नाराज महिला ने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि-बार-बार कोर्ट में देखने में आ रहा है कि प्रशासन और नगरीय निकाय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन किए बगैर किसी का भी मकान तोड़ना और मीडिया में खबरें प्रकाशित करना फैशन जैसा हो गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले में भी याचिकाकर्ता के परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हुआ और फिर उस परिवार का मकान तोड़ा गया। कोर्ट ने इस मामले में उज्जैन निगमायुक्त को जिम्मेदार मानते हुए अफसरों के खिलाफ एक्शन लिए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा याचिकाकर्ता को भी कहा गया है कि वे चाहे तो सिविल कोर्ट में अतिरिक्त मुआवजे की मांग भी कर सकते है।
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