मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अतिथि शिक्षकों और अतिथि विद्वानों ने अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन किया था। अतिथि शिक्षक समन्वय समिति मप्र का अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शाहजहांनी पार्क में कई दिनों तक जारी रहां। अतिथि शिक्षक शाहजहांनी पार्क में प्रांतव्यापी प्रदर्शन अलग-अलग ढंग से कर विरोध जता रहे थे।
अतिथि विद्वानों ने बताया
मुख्यमंत्री ने हमसे नियमितीकरण का वादा किया था, जबकि सरकार अब हमें फिर से अतिथि विद्वान ही बनाए रखना चाहती है। शनिवार की कैबिनेट बैठक में जो नए पदों के सृजन की कवायद की गई है। उससे सरकार की हमें केवल अतिथि विद्वान बनाए रखने की मंशा स्पष्ट होती है। सरकार अतिथि विद्वानों के लिए वचनपत्र के अनुसार नियमितीकरण की स्पष्ट नीति बनाएं।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में अतिथि विद्वानों के लिए विशेष स्थान दिया जिसमें कहा गया कि जिनकी नियुक्तियां भाजपा सरकार ने वादों के बाद भी अटका कर ठन्डे बस्ते में दाल दीं, उन्हें नियुक्तिपत्र दिया जायेगा।
अतिथि विद्वानों ने सोशल मीडिया हला बोल किया था
प्रदेश भारतीय अतिथि विद्वान नियमितीकरण की मांग को लेकर जब कांग्रेस सरकार सत्ता में थी तब ये लोग धरने पर थे. उस समय भारतीय जनता पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं और शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता में आने पर नियमितीकरण का वादा किया था. वहीं जाते-जाते कांग्रेस सरकार ने अतिथि शिक्षकों के नियमित करने का प्रस्ताव तैयार कर दिया था. लेकिन अब तक वर्तमान भाजपा सरकार में इस प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगी है ऐसे में अतिथि विद्वान अब भाजपा सरकार को अपना बार-बार बाद अपना वादा याद दिला रही है लेकिन अब तक उनके नियमितीकरण का रास्ता साफ नहीं हो सका है. वेटिंग लिस्ट वाले शिक्षकों एवं पटवारियों को अब तक नियुक्तियां नहीं दी गई है वहीं नियुक्तियों की तारीख भी निकल चुकी है. खाली पदों को वेटिंग लिस्ट वाले पटवारियों से भरने के लिए विभाग के अधिकारी तैयारी नहीं है ऐसे में अब पटवारियों ने सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान तेज कर दिया है.
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