फिल्मों में अक्सर विलेन की भूमिका निभाने वाले अभिनेता सोनू सूद रियल लाइफ हीरो हैं. कोरोना काल में सोनू ने जैसे लोगों की मदद की वो गरीबों के मसीहा बन गए. 30 जुलाई 1973 को सोनू सूद का जन्म पंजाब के मोगा में हुआ. शुरुआती पढ़ाई के बाद इंजीनियरिंग के लिए वो नागपुर आ गए और यहीं से उनके दिल में एक्टिंग का ख्याल आया. सोनू सिर्फ 5 हजार रुपए लेकर मुंबई आए थे. उनके करियर की शुरुआत तमिल फिल्म ‘कल्लाझागर’ से हुई, जबकि ‘शहीद ए आजम’ से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया. सोनू ने इस फिल्म में ‘शहीद भगत सिंह की भूमिका निभाई. फिल्मों में वैसे तो सोनू कई तरह के किरदार में दिखे, कभी लोगों को हंसाते नजर आए तो कभी चरित्र अभिनेता के तौर पर, लेकिन उनके विलेन के रोल का काफी सराहा गया. ‘दबंग’, ‘सिंबा’ जैसी फिल्मों में विलेन के किरदार में सोनू खूब पसंद किए गए.
लेकिन फिल्मों का ये ‘विलेन’ असल जिन्दगी का हीरो निकला. कोरोना वायरस जैसे पेनडेमिक में सोनू सूद ने जिस तरह से गरीब लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया, वैसा शायद ही किसी ने किया हो.
परिवार के साथ हजारों किमी पैदल प्रवासी मजदूरों का दर्द सोनू से देखा नहीं गया और उन्होंने उनकी मदद करने का ठान लिया. महज एक ट्वीट पर सोनू जरुरतमंद की सहायता के लिए तैयार हो जाते. इसके बाद तो मदद की एक मुहिम ही शुरू हो गई. सोनू ने अपनी टीम के साथ मिलकर लोगों की मदद शुरू कर दी. सोनू ने मजदूरों के आने-जाने से लेकर खाने-पीने, काम धंधे और इलाज की व्यवस्था की.
एक इंटरव्यू में सोनू ने बताया था कि उनकी मां के निधन के बाद वो अपना जन्मदिन नहीं मनाते हैं. इस दिन वो सिर्फ अपने परिवार और कुछ करीबी दोस्तों के साथ ही वक्त बिताते हैं.
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