सांवेर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यक्रम के लिए 600 बसों के अधिग्रहण के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई है। हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई मंगलवार को की। डबल बेंच ने अधिवक्ता गौरव वर्मा की दलीलों से सहमत होते हुए भारत निर्वाचन आयोग, मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग, मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, कलेक्टर जिला इंदौर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास इंदौर संभाग और कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास सनावद को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
600 बसों का अधिग्रहण कर सरकारी खर्चे से भरवाया डीज़ल
दरअसल उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्र सांवेर में 26 सितंबर को नर्मदा भूमिपूजन समारोह का आयोजन किया गया था। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे थे। इस कार्यक्रम के लिए 600 बसों का अधिगृहण किया गया था। वहीं स्थानीय प्रशासन ने खाद्य विभाग के अधिकारियों के जरिए कई पेट्रोल पंप से 30-30 लीटर डीजल भरवाया था। इस मामले की शिकायत कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग से की थी।
कांग्रेस ने जताई थी आपत्ति
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री की चुनावी जनसभा में भीड़ जुटाने के लिए लगाई गई बसों में सरकारी खर्च पर डीज़ल भरवाने के मामले में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी सवाल खड़े किए थे। ट्विटर पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग और राज्य के मुख्य सचिव से गंभीर सवाल पूछे थे। उन्होंने लिखा था “मुख्य सचिव महोदय आप किसी पार्टी के गुलाम नहीं हैं संविधान का पालन करें नियम व क़ानून का पालन करें। क्या प्रशासन लिखित रूप में बसों व डीज़ल की व्यवस्था करने का निर्देश दे सकता है?”
कांग्रेस का आरोप था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम भीड़ जमा करने के लिए सरकारी पैसों का उपयोग किया गया है। यह एक चुनावी सभा है, जो कि तुलसी राम सिलावट के प्रचार के लिए रखी गई है। सांवेर की सभा का खर्चा सरकारी खजाने से खर्चा उठाया गया है। मंगलवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग, मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन, कलेक्टर समेत 8 को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
निर्वाचन आयोग में संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट में गुहार
आपको बता दें कि युवा कांग्रेस के प्रवक्ता जयेश गुरनानी की ओर से निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। जिसमें बताया गया था कि सिंतबर महीने सांवेर विधानसभा क्षेत्र में नर्मदा परियोजना भूमिपूजन समारोह के कार्यक्रम में जिला प्रशासन ने 600 बसें जुटाने और सरकारी खजाने से डीजल का भुगतान किया इस आयोजन को दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया। हजारों लोगों की भीड़ जमा की गई। जब निर्वाचन आयोग ने इस मामले में कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की तब युवा कांग्रेस के प्रवक्ता जयेश गुरनानी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर दी थी।
महामारी अधिनियम के उल्लंघन का भी लगा आरोप
याचिका में कहा गया था कि 100 लोगों की परमिशन होने के बाद हजारों लोगों को सभा में बुलाया गया। जिला प्रशासन पर आगामी उपचुनाव के लिए सरकारी तंत्र के दुरुपयोग कर बसें अधिग्रहित की गईं और सरकारी खर्चे से पेमेंट किया गया। आपको बता दें कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 56 के तहत यदि कोई सरकारी अधिकारी केंद्र सरकार या राज्य सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसे एक साल के कठोर कारावास की सजा हो सकती है।
More Stories
Aaj bhi sadme me harda blast ke pidit
Yuva Congress ne CM ka putla Dahan kiya
Harda hadse par digvijaye ka CM ko patr