मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर ठगी का अड्डा बनती जा रही है। एक रैकेट खुलेआम फर्जी मार्कशीट का कारोबार कर रहा था। गिरोह ने अपनी वेबसाइट बना ली थी। दसवीं से लेकर MA तक की मार्कशीट मात्र ₹20000 में बना कर दे देते थे। पूरा कारोबार ऑनलाइन चल रहा था। पुलिस ने इस रैकेट के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है परंतु विश्वास के साथ यह नहीं कहा जा सकता कि रैकेट खत्म हो गया है।
गोरखधंधे का पता कैसे चला
हाल ही में क्राइम ब्रांच को मुखबिर द्वारा इस गिरोह के सदस्यों की जानकारी मिली, जिसके बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस गोरखधंधे से पर्दा तब उठा जब एक स्टूडेंट ने इस मार्कशीट के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन किया। कागजात की पड़ताल में पता चला की मार्कशीट फर्जी है। इसके बाद स्टूडेंट की शिकायत पर पुलिस फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह तक पहुंची।
फर्जी मार्कशीट वाले रैकेट ने वेबसाइट भी बना रखी थी
पुलिस को इनके पास से फर्जी मार्कशीट बनाने के दस्तावेजे बरामद हुए हैं। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों में प्रेम कुमार, संजय यादव और अजय विश्वकर्मा शामिल है। इन लोगों ने फर्जी मार्कशीट बनाने के लिए एक वेबसाइट भी तैयार की थी, जिसके माध्यम से वह दसवीं और बारहवीं में फेल हुए छात्रों से संपर्क करते थे।
पुलिस पता लगा रही है कुल कितनी फर्जी मार्कशीट
गिरोह के सदस्य छात्रों को झांसे में लेकर 20 से 30 हजार रुपए में फर्जी मार्कशीट तैयार करके देते थे। पुलिस फिलहाल तीनों आरोपियों से यह पता लगाने में जुटी है कि उन्होंने कितने छात्रों को फर्जी मार्कशीट मुहैया कराई है।
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