- न सीएमएचओ, न उपसंचालक, सीधे बड़ा पद
- 2017 में जारी प्रथम श्रेणी डॉक्टरों की वरिष्ठता सूची में नहीं था नीरा चौधरी का नाम
स्वास्थ्य विभाग में पदोन्नति में परिवारवाद का मामला सामने आया है। मंगलवार को स्वास्थ्य संचालनालय से एक आदेश जारी हुआ। इसमें बताया गया कि भोपाल की जिला स्वास्थ्य अधिकारी नीरा चौधरी को क्षेत्रीय कार्यालय में संयुक्त संचालक बनाया गया है।
बता दें कि नीरा चौधरी प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी की पत्नी हैं और उन्हें पदोन्नत कर जो पद दिया गया है, वरिष्ठता सूची के आधार पर उस पद के लिए नीरा से पहले 1000 अन्य डॉक्टर दावेदार थे। स्वास्थ्य विभाग ने 2017 में प्रथम श्रेणी डॉक्टराें की अंतिम वरिष्ठता सूची जारी की थी। इसमें 1042 डॉक्टरों के नाम थे, लेकिन नीरा का नाम नहीं था। नीरा की नई नियुक्ति से डॉक्टरों में भी नाराजगी है। इस मामले में जब स्वास्थ्य मंत्री से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
वरिष्ठता क्रम में दो पद पीछे थीं नीरा
नियमानुसार संयुक्त संचालक पद पर सिर्फ प्रथम श्रेणी अधिकारी को ही पदस्थ किया जा सकता है। इनमें वरिष्ठता क्रम में उप संचालक और उससे नीचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) आते हैं। नीरा जिला स्वास्थ्य अधिकारी थीं और अकेले भोपाल में ही 70 से ज्यादा प्रथम श्रेणी डॉक्टर हैं।
ये सभी डिप्टी डायरेक्टर पद पर हैं। इनमें अर्चना मिश्रा, प्रज्ञा तिवारी, दुर्गेश गौर, दिलीप हेड़ाऊ, हिमांशु जायसवाल, मनीष सिंह, राजीव श्रीवास्तव, अलका परगनिया, पद्माकर त्रिपाठी, इंद्रजीत सिकरवार और वीरेंद्र गौर समेत अन्य चिकित्सकों के नाम हैं। ये सभी पिछले 15 साल से संचालनालय में प्रशासनिक पदों पर हैं और ट्रांसफर की वजह से पदोन्नति नहीं चाहते हैं।
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