प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों की घोषणा भले ही नहीं की गई है, लेकिन पार्टियों की तैयारियां जारी है। बीजेपी और कांग्रेस अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए विचार मंथन करने में लगी है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का बड़ा बयान आया है, जिसमें उन्होंने यह साफ कर दिया है कि नगरीय निकाय चुनाव में केवल एक्टिव लोगों को ही टिकट दिया जाएगा। निकाय चुनावों में घरेलू महिलाओं और नेताओं की पत्नियों को टिकट नहीं मिलेगा। ऐसे में वे नेता जो सक्रिय राजनीति में नहीं हैं, उनकी भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि समाज और राजनीति में मैदानी स्तर पर सक्रिय महिलाओं को ही टिकट में प्राथमिकता मिलेगी। दरअसल कांग्रेस विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद फूंक-फूंककर कदम रख रही है। कमलनाथ ने चुनाव के प्रभारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जैसा बीज बोएंगे, वैसी ही फसल काटेंगे। अब राजनीति और समय में परिवर्तन हो चुका है। जिसने बदलाव को आत्मसात कर लिया वही सफल हो सकेगा।
उन्होंने पुराने दौर को याद करते हुए कहा कि वह दौर और था जब एक इंसान हजारों वोटरों की गारंटी लेता था। अब वक्त बदल गया है, इस दौर में एक व्यक्ति अपने घर और पड़ोसियों के वोटों की गारंटी नहीं ले सकता है। कांग्रेस नेता ने चुनाव प्रभारियों से कहा है कि नगरीय निकाय चुनाव को छोटा चुनाव कतई ना समझें। इसे बेहद गंभीरता से लें। निकाय चुनाव ही विधानसभा चुनाव का आधार साबित होंगे।
कमलनाथ ने मंगलवार को नगरीय निकाय चुनाव के प्रभारियों और सह प्रभारियों की बैठक ली। उन्होंने प्रभारियों को निष्पक्ष होकर योग्य उम्मीदवार का चुनाव करने और फिर उनकी लिस्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को तय समय सीमा में सौंपने को कहा गया है। कमलनाथ का कहना है कि कांग्रेस की पैठ वार्ड और पंचायत स्तर तक है। वार्डों के परिणाम ही मेयर और अध्यक्षों का फैसला करेंगे। इसलिए हर वार्ड में पार्टी की जीत के लिए दमखम लगाया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति के मद्देनजर नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनावों को फरवरी 2021 तक टाल दिया गया है। जिसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर हार के डर से चुनावों को स्थगित कराने का आरोप भी लगाया है।
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