आय से ज्यादा कमाई करने और बेहिसाब संपत्ति जमा करने वाले खनिज विभाग के अधिकारी प्रदीप खन्ना की सरकारी नौकरी से छुट्टी हो गई है। मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदीप खन्ना को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। प्रदीप को 20-50 के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। 20-50 के तहत उन अफसरों पर कार्रवाई की जाती है, जिनकी सर्विस 20 साल की हो, या फिर उम्र 50 से ज्यादा हो गई हो। इसके तहत खनिज विभाग ने प्रदीप खन्ना के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा था। प्रदीप खन्ना की सेवानिवृत्ति का फैसला छानबीन समिति, पीएससी और मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद लिया गया है।
प्रदीप खन्ना को अपने 32 साल के सेवाकाल में 3 बार निलंबित किया जा चुका है। फिलहाल प्रदीफ खन्ना श्योपुर में तैनात था। उसके पहले भोपाल, इंदौर, विदिशा में पोस्टिंग रह चुकी है। खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना के खिलाफ विदिशा, भोपाल, इंदौर में अनियमितता की शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद उसके यहां लोकायुक्त का छापा पड़ा था।
लोकायुक्त पुलिस ने बीते साल 4 सितंबर को प्रदीप खन्ना के भोपाल और इंदौर में 3 ठिकानों पर दबिश दी थी। जहां से लोकायुक्त ने करीब 4 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का खुलासा किया था। खनिज अधिकारी के घर से जमीन के कागज, भोपाल में बंगला, 13 लाख के गहने और 9 लाख कैश समेत दो लग्जरी कारें और चार बाइक मिली थीं। इंदौर में एक फ्लैट और एक नया मकान भी मिला था।
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