April 28, 2024

पूर्व केंद्रीय मंत्री जटिया का बड़ा बयान- अंदर-बाहर करने जैसा कुछ नहीं, ये पार्टी की संतुलन की रणनीति है

भोपाल- भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का बुधवार को नए सिरे से गठन किया गया। इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रिटेन नहीं किया गया है। पिछले लगभग दो वर्षों से सक्रिय राजनीति से दूर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया को जगह दी गई है। कार्यकर्ता की क्षमता का उपयोग पार्टी को मिले, अनुभव का उपयोग पार्टी को मिले यह विचार इसके पीछे रहा है। मैं जब पार्टी अध्यक्ष बना तब भी मैंने उस समय की परिस्थितियों के लिहाज से काम किया और पार्टी को मजबूत बनाया। हर जगह हर कार्यकर्ता का अपना महत्व होता है।

हम इसे इस संदर्भ में नहीं देख रहे हैं। शिवराज जी या गडकरी जी को हटाया नहीं गया है, उनको दूसरे कामों के लिए अधिक समय मिल सके, इस दृष्टि से उन्हें वहां नियोजित करने के उपाय किए गए हैं। चुनाव, राजनीति और उसके परिणाम विशुद्ध रूप से एक-दूसरे से संबंधित जरूर हैं। लेकिन पार्टी की तैयारी किस प्रकार से हो, नीतियां किस प्रकार से बनें, अच्छे निर्णय किस प्रकार से ले सकें, पार्टी को जीत मिले, पार्टी सरकार बनाए यही उद्देश्य रहता है। पार्लियामेंटरी बोर्ड अंतिम फैसला करता जरूर है, लेकिन सबकी राय और सलाह के आधार पर उसमें से निर्णय किए जाते हैं। उनके आधार पर ही कैंडिडेट का चयन होता है और उसी आधार पर पार्टी चुनाव लड़ती है।

इस समय कोई संदर्भ नहीं है। हम इसे इस तरह से सोचते भी नहीं है। ये तो समय-समय से बारी-बारी से पारी खेलने का मौका होता है और जैसा कि हम देखते हैं कि अच्छी पारी खेलने के लिए व्यक्ति के अनुभव का अन्यत्र भी उपयोग किया जाना चाहिए। किसी को कोई नया दायित्व देना है तो उसकी जगह पर किसी और को तो लाना ही पड़ेगा। जिन्हें जगह नहीं दी गई या रिटेन नहीं किया गया उनके लिए पार्टी ने कोई और भूमिका निश्चित तौर पर सोच रखी होगी।

हमारे लिए राष्ट्र का परम वैभव ही आदर्श है। 2014 से जो दुनिया में हमारी पहचान बनी है, जो साख बनी है, जो साख की धाक बनी है, उस पर तो हमें गौरव करना चाहिए। इसलिए बड़े उद्देश्यों को हासिल करने के लिए, राष्ट्र के कामों को करने के लिए छोटी-मोटी बातों को तो भूलना ही पड़ता है। धारा 370 हो, राम मंदिर का मुद्दा हो, ये जो अनुकूलता आई है, वो पार्टी की मजबूती से ही आई है।

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