April 28, 2024

बुरे दौर से बाहर निकली भारतीय अर्थव्यवस्था, यह है हाल?

नई दिल्ली- भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) अपने बुरे दौर से बाहर आ चुका है. और खुदरा महंगाई ( Retail Inflation) से लेकर व्यापार घाटा ( Trade Deficit) आहिस्ता – आहिस्ता आने वाले दिनों में कम होता चला जाएगा. फाइनैंशियल सर्विसेज ( Financial Services) कंपनी मार्गन स्टैनले ( Morgan Stanley) ने अपनी रिपोर्ट में ये बातें कही है.

मार्गन स्टैनले की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट उपासना छाछड़ा ने अपने नोट कहा है कि जुलाई महीने में कच्चे तेल को छोड़ कमोडिटी के दाम स्थिरता बनी हुई थी. हालांकि कच्चे तेल के दामों में गिरावट देखी गई है. उन्होंने कहा कि भारत के लिए मैक्रो-अस्ठिरता का दौर अब पीछे छूट गया है. महंगाई और व्यापार घाटे धीरे-धीरे कमी होती जाएगी. उपासना छाछड़ा ने कहा कि खुदरा महंगाई दर अगस्त 2022 में 7 से 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है. सितंबर महीने में ये 7 फीसदी रह सकता है उसके बाद इसमें गिरावट आएगी. उन्होंने अपने नोट में लिखा कि कमोडिटी दामों में गिरावट और पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के फैसले के चलते ट्रे़ड बैलेंस को सुधारने में मदद मिलेगी.

बहरहाल जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी रहा है. ये आरबीआई के मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के अनुमान के बराबर है लेकिन आरबीआई के टोलरेंस लेवल 6 फीसदी से ज्यादा है. बीते सात महीने से खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस लेवल से ऊपर बना हुआ है. सरकार ने मार्च 2026 तक आरबीआई को महंगाई दर 4 फीसदी रखने का लक्ष्य दिया है जिसमें 2 फीसदी ऊपर – नीचे मार्जिन शामिल है.

जुलाई महीने में कच्चे तेल के दामों में 8 फीसदी की गिरावट आई है. तो अगस्त में कच्चा तेल 92 डॉलर प्रति बैरल के लेवल पर आ गया है जिससे आने वाले दिनों में महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिल सकती है. महंगाई दर में गिरावट आती है तो आरबीआई पर ब्याज दरें बढ़ाने का दवाब कम होगा.

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