April 26, 2024

भाजपा ने MLAs खरीदने के लिए 6300 करोड़ किए खर्च, हंगामे के बाद केजरीवाल का बयान

नई दिल्ली- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव से पहले भाजपा विधायकों ने सीवर-पानी और भ्रष्टाचार पर चर्चा कराने की मांग की, जिसके बाद सभी विधायकों को पूरे दिन के लिए सदन से मार्शल आउट यानी बाहर कर दिया गया।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई छापे और आप विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की खबरों के बीच केजरीवाल ने यह कदम उठाया है। पढ़िए उन्होंने क्या कहा..

दिल्ली के सीएम बोले कि मौजूदा केंद्र सरकार आजादी के 75 साल की सबसे भ्रष्ट सरकार है। 10 लाख करोड़ इनके दोस्त खा गए। 6300 करोड़ में इन्होंने MLAs खरीदे और लाल किले से कहते हैं- मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं।
उन्होंने कहा कि भाजपा वाले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गोवा में ऑपरेशन लोटस चला चुकी है। झारखंड में भी कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली में भी इन्होंने कोशिश की थी, लेकिन फेल हो गए। 800 करोड़ धरे के धरे रह गए इनके।

केजरीवाल विधानसभा में क्यों लाए विश्वासमत प्रस्ताव?

दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं। सत्ताधारी AAP के पास 62 और भाजपा के पास 8 विधायक हैं। AAP के पास दो तिहाई से ज्यादा बहुमत होने के बावजूद केजरीवाल ने विश्वासमत प्रस्ताव पेश किया।इसके पीछे 2 बड़ी वजह है।

  1. एकजुटता का संदेश देने की कोशिश
    चार विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्हें भाजपा के लोग खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। विधायकों ने दावा किया कि इसके लिए 20-20 करोड़ रुपए देने की पेशकश कर रहे हैं। विधायकों के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को अपने आवास पर बैठक बुलाई थी, जिसमें 9 विधायक नहीं पहुंचे थे। 9 विधायकों के नहीं पहुंचने के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। ऐसें में केजरीवाल ने विश्वासमत प्रस्ताव लाकर सदन में AAP के भीतर एकजुटता का संदेश देना चाहते हैं।
  2. गुजरात चुनाव में मजबूती से एंट्री
    विश्वासमत हासिल करने के बाद 6 महीने तक सरकार को कोई खतरा नहीं रहता है। सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल विश्वासमत हासिल कर दिल्ली की सरकार को मजबूत दिखाना चाहते हैं, जिससे गुजरात चुनाव में उनकी पार्टी मजबूती से लड़ सके।

AAP विधायक बोले- 1400 करोड़ रुपए घोटाले के आरोपी हैं LG
AAP विधायक दुर्गेश पाठक ने विधानसभा के भीतर उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा- जब LG खादी और ग्रामोद्योग विभाग में थे, उस वक्त विनय सक्सेना ने 1400 करोड़ रुपए का घोटाला किया है।

आप-भाजपा में कलह की 2 वजहें

  1. आबकारी नीति को लेकर 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के घर पर CBI ने छापेमारी की थी। यह करीब 14 घंटे तक चली थी और CBI ने इस मामले में PMLA कानून के तहत केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद से ही AAP केंद्र में सत्ताधारी दल भाजपा के खिलाफ मुखर है।
  2. सिसोदिया ने छापे के बाद कहा था कि भाजपा ने उन्हें AAP छोड़ने और CM बनाने का ऑफर दिया था। वहीं भाजपा ने जवाब में कहा- भ्रष्टाचार के आरोप से बचने के लिए आम आदमी पार्टी झूठ का माहौल बना रही है।

अब कहानी उस विश्वास प्रस्ताव की, जिसमें गिर गई थी वाजपेयी सरकार
साल 1999 में लोकसभा में विश्वास से भरे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी सरकार के पक्ष में विश्वास प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया था। इस पर जमकर बहस हुई। इस दौरान देश के लोगों को संसदीय इतिहास के कुछ बेहतरीन तर्क-वितर्क सुनने को मिले। अंत में हुए मतदान में वाजपेयी सरकार एक मत से गिर गई। संसद में एक मत से सरकार गिरने की घटना को ऐतिहासिक माना जाता है।

भारतीय संसद के इतिहास में 12 बार विश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिनमें से 3 बार सरकार को त्यागपत्र देना पड़ा था। पहला 1990 में वीपी सिंह को, दूसरा 1997 में एचडी देवगौड़ा को और तीसरा 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी को।

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