May 3, 2024

मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र तीन दिन में ही खत्म, अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कही यह बात

भोपाल- मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र तीन दिन में ही खत्म हो गया। विधानसभा सत्र की कम होती अवधि को लेकर विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा चलने की टाइमिंग फिक्स होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा रूपी मंदिर का पुजारी यानी विधायक गड़बड़ होंगे, तो मंदिर पर तो आंच आएगी ही। विधानसभा परिसर में गुरुवार को आयोजित स्टेट प्रेस क्लब के कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से बात की।

उन्होंने कहा कि विधानसभा के संविधान में इस तरह का वर्णन नहीं है कि विधानसभा कितने दिन चलेगी। कुछ दिन पहले शिमला और गुवाहाटी में स्पीकर्स के सम्मेलन हुए। टोरंटो में भी पार्लियामेंट के स्पीकर्स का सम्मेलन हुआ है। इन सम्मेलनों में देश भर की विधानसभाओं के स्पीकर एक प्रस्ताव पर सहमत हुए हैं कि विधानसभाओं के संचालन का समय तय हो। अभी संविधान में उल्लेख है कि विधानसभा छह महीने में एक बार आहूत होगी, लेकिन कितने समय के लिए बुलाई जाएगी, ये नहीं लिखा है।

हम चाहते हैं कि विधानसभा तीन महीने में एक बार बुलाई जाए, उसके दिन भी तय हों। सदस्यों की संख्या के हिसाब से हर राज्य की विधानसभाओं के दिनों को तय कर दिया जाए। एक बार दिनों का निर्धारण हो जाने से विवाद की स्थिति नहीं बनेगी।

पहले तय हो गया था, तीन दिन चलेगी विधानसभा
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सर्वदलीय बैठक और कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में तय किया गया है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्यप्रदेश आगमन के चलते सदन चलना मुश्किल है। बैठक में यह बात भी आई थी कि 13 सितंबर को शंकराचार्य जी के निधन के चलते अवकाश करना पड़ेगा। ऐसे किसी तरह पांच दिन का समय पूरा करना पड़ेगा। इसी वजह से हमने लंच ब्रेक खत्म कर शाम 5 से 7:30 बजे तक समय बढ़ाकर रोजाना 3:30 घंटे का समय बढ़ाया। यह बैठकों में ही तय हो गया था कि पांच दिन का समय तीन दिन में पूरा करना है।

विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर, विधायक इसके पुजारी
विस स्पीकर गिरीश गौतम ने कहा, जनता हमें जिस अपेक्षा से चुनकर भेजती है। कोई विधायक ये नहीं कहता कि हम विधानसभा का अपमान करेंगे। हर विधायक ये कहता है कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है, तो इस मंदिर की रक्षा कौन करेगा। विधायक इस मंदिर का पुजारी है, जब पुजारी ही गडबड़ होगा, तो मंदिर पर आंच तो आएगी। इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था खत्म होगी। किसी मंदिर का पुजारी ठीक नहीं होगा, तो कौन उस मंदिर में दर्शन करने जाएगा। हम सबकी जिम्मेदारी है कि जिस पवित्रता के साथ संकल्प लेते हैं, उसकी पवित्रता बचाने की जिम्मेदारी सबकी है।

About Author