May 3, 2024

व्यापम का तीसरी बार बदला गया नाम, कांग्रेस बोली- नाम बदलने से शिवराज सरकार का पाप नहीं धुलेगा

भोपाल- मध्य प्रदेश सरकार अपनी एक संस्था का नाम तीसरी बार बदलने जा रही है. घपले और घोटालों के लिए बदनाम मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापम का नाम एक बार फिर बदल दिया गया. वैसे बता दें कि ये तीसरी बार है, जब इसका नाम बदला गया. मेडिकल कॉलेज में एडमिशन और कई सरकारी नौकरियों की भर्ती में गोलमाल के कारण व्यापम जमकर बदनाम हुआ. इसे व्यापम घोटाला नाम दिया गया और इससे राज्य की राजनीति में तूफान आ गया था.

कर्मचारी चयन मंडल नाम रखा गया

व्यापम घोटाला सामने आने के बाद इस संस्थान का नाम पीईबी यानी प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड कर दिया गया था. इसके बाद भी गड़बड़ियां सामने आती रहीं और अब सरकार ने फिर इसके नाम में बदलाव कर दिया. इसे अब मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल यानी पीईबी कहा जाएगा. 7 महीने पहले कैबिनेट में हुई घोषणा के बाद प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई. बुधवार को कर्मचारियों द्वारा बिल्डिंग समेत बोर्ड पर संस्थान का नाम लिख दिया गया.

अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एमपी में एक लाख पदों पर भर्ती की घोषणा के अनुरूप नौकरी देने की प्रक्रिया यहां सम्पन्न की जाएगी. बताया जाता है कि मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के नाम बदलने के साथ ही इसके डिपार्टमेंट को भी बदला गया. अब नोडल डिपार्टमेंट के रूप में इसका संचालन सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया.

कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा

व्यापम का घोटाला पहली बार 2013 में सामने आया, जब उम्मीदवारों ने अधिकारियों को अपनी ओर से परीक्षा देने के लिए धोखेबाजों का इस्तेमाल करने के लिए रिश्वत दी. इसके बाद राज्य सरकार ने 2015 में व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड के रूप में फिर से नाम दिया. इस साल फिर इसका नाम बदलकर कर्मचारी चयन मंडल कर दिया गया.

बार-बार नाम बदलने पर विपक्ष ने सरकार ने जमकर निशाना साधा. कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री तरुण भनोट का कहना है कि नाम बदलने से शिवराज सरकार का पाप नहीं धुलेगा. व्यापम ने हजारों लोगों का कैरियर तबाह किया. व्यापम के घपले और घोटालेबाजों ने मध्य प्रदेश की प्रतिभा को बर्बाद कर दिया.

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