May 5, 2024

ओबीसी वर्ग में बड़े पैमाने पर रोष व्याप्त होगा और इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जायेगा : कमलेश्वर पटेल

भोपाल- मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने पुलिस आरक्षक भर्ती 2020-21 की अंतिम भर्ती सूची पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने कहा है कि ओबीसी वर्ग को 14% आरक्षण देते हुए दोबारा सूची तैयार की जाए। न्यायालय के इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण दिया था और उसी के हिसाब से 6000 कांस्टेबल की भर्ती के लिए प्रक्रिया चल रही थी। लेकिन शिवराज सिंह चौहान सरकार ने जानबूझकर न्यायालय में सही ढंग से पक्ष नहीं रखा जिसके कारण न्यायालय का इस तरह का आदेश आया है।

कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने कहा कि, “27 फीसदी आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का संवैधानिक अधिकार है। अगर शिवराज सिंह चौहान सरकार ने इस बारे में विधि सम्मत कार्यवाही की होती और न्यायालय के सामने सभी साक्ष्य रखे होते तो न्यायालय यह फैसला नहीं देता कि चयनित अभ्यर्थियों की सूची 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण की जगह 14 फीसदी ओबीसी आरक्षण के साथ निकाली जाए। माननीय न्यायालय ने 4 सप्ताह में सरकार से अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। अगर सरकार की नियत पिछड़ा वर्ग विरोधी नहीं होगी तो वह अपने तर्कों से न्यायालय को समझाने में सक्षम होगी।”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, “भाजपा का रुख हमेशा से अन्य पिछड़ा वर्ग के खिलाफ रहा है। जब देश में मंडल कमीशन लागू किया जा रहा था तब भारतीय जनता पार्टी ने ही आरक्षण विरोधी आंदोलन को हवा दी थी। मध्य प्रदेश में जब दिग्विजय सिंह सरकार ने 14 फीसदी आरक्षण लागू किया तब भी भाजपा ने उसका विरोध किया था। जब कमलनाथ सरकार ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू किया तो भारतीय जनता पार्टी पिछले दरवाजे से इसे खत्म कराने का षड्यंत्र रच रही है।”

कांग्रेस नेता ने चेतावनी देते हुए कहा कि, “प्रदेश में 20 वर्ष से अधिक समय तक भाजपा की सरकार रही लेकिन उन्होंने कभी भी विधानसभा में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए कानून नहीं बनाया। अगर भारतीय जनता पार्टी ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित नहीं कराती तो ओबीसी वर्ग में बड़े पैमाने पर रोष व्याप्त होगा और इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा।”

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