चीलों की दावत:क्योंकि खुले में पड़े रहते हैं मवेशियों के शव
4 करोड़ रुपए से लगाया है इंसीनरेटर, खुले कंटेनर में रखते हैं बचा वेस्ट
भोपाल – आदमपुर छावनी स्थित नगर निगम की कचरा खंती में चीलें दावत उड़ा रहीं हैं। चीलों का झुंड यहां खुले में फेंके जाने वाले मृत मवेशियों का मांस खाने के लिए जुटते हैं। नगर निगम ने 4 करोड़ रुपए की लागत से यहां डेड एनिमल इंसीनरेटर बनाया है।
निगम दावा करता है कि शहर में जो भी मवेशी मरते हैं उनके शवों का दाह संस्कार आदमपुर छावनी स्थित इसी इंसीनरेटर में किया जाता है। लेकिन, इंसीनरेटर की क्षमता कम होने से रोज इकट्ठा डेड एनिमल वेस्ट पास ही रखे गए कंटेनर में पड़ा रहता है। ये कंटेनर खुला रहता है इसलिए इनका मांस खाने के लिए ही यहां बड़ी तादाद में चीलें जुटती हैं।
नगर निगम मौजूदा प्लांट के पास ही एक और नया इंसीनरेटर प्लांट लगा रहा है। इसकी क्षमता 50 टन रोज डेड एनिमल का दाह संस्कार करने की है। बताया गया है कि पीपीपी मोड पर बनने वाले इस प्लांट की लागत करीब 6 करोड़ है। यह आगामी तीन महीने में बनकर तैयार होगा।
नगर निगम की ओर से प्लांट के लिए कांट्रेक्टर को जमीन और बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यही नहीं, नगर निगम की ओर से उठाए जाने वाले डेड एनिमल और स्लाटर वेस्ट को प्लांट पर पहुंचाया जाएगा। प्लांट का संचालन 20 साल तक के लिए कांट्रैक्टर के पास रहेगा।
निगम के मुताबिक शहर के 5 स्लास्टर हाउस से रोज 4 टन स्लाटर वेस्ट निकलता है। इसके अलावा 3 टन मृत मवेशी और 7 टन डेड एनिमल वेस्ट निकलता है, जो 14 से 15 टन होता है। जबकि, इंसीनरेटर की क्षमता 500 केजी प्रतिघंटा है। यह 8 से 10 घंटे काम करता है। इस तरह 10 टन डेड एनिमल वेस्ट रोज जलता है। तब भी 4 टन से ज्यादा वेस्ट बचता है।
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