- कांग्रेस की ओर से सक्रिय युवा नेता देवाशीष जरारिया के बेरोज़गार युवकों के लिए किए गए प्रदर्शन में हंगामे के बाद उनकी मौत की अफवाह उड़ी।
मध्य प्रदेश में उपचुनाव की सरगर्मियां पूरे उफान पर हैं। कांग्रेस की ओर से सक्रिय युवा नेता देवाशीष जरारिया के बेरोज़गार युवकों के लिए किए गए प्रदर्शन में हंगामे के बाद बीते रविवार को कथित तौर पर बीजेपी से जुड़े राजीव तोमर नामक युवक ने देवाशीष जरारिया के निधन की अफ़वाह फैला दी। राजीव तोमर ने एक सड़क दुर्घटना में देवाशीष के निधन की बात फेसबुक पर पोस्ट कर दी। यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। यह पोस्ट करने वाले युवक राजीव तोमर ने अपना परिचय विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल कार्यकर्ता के रूप में दिया है।
राजीव तोमर नाम के युवक ने फेसबुक पर लिखा कि भिंड आने से पहले ही देवाशीष जरारिया की सड़क दुर्घटना में मौत। ॐ शांति, जिसके बाद देवाशीष को खुद सामने आकर अपना वीडियो जारी कर अपने जिंदा होने का सबूत देना पड़ा।
कौन हैं देवाशीष जरारिया
देवाशीष जरारिया मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति, जनजाति कर्मचारी संगठन (अजाक्स) के महासचिव डॉ. पीसी जाटव के बेटे हैं। 28 साल के देवाशीष जरारिया दिल्ली में रहकर आईएएस की तैयारी करते हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए इन्होंने 6 लाख युवाओं को जोड़ने का रिकार्ड बनाया है। मूलत: ग्वालियर के रहने वाले देवाशीष युवाओं के बीच इसलिए ज्यादा लोकप्रिय हैं। राजनैतिक विश्लेषक मानते हैं कि देवाशीष मध्य प्रदेश की राजनीति में दलित समाज का एक प्रमुख और स्वीकार्य चेहरा बन चुके हैं। मध्य प्रदेश में जहां दलित समुदाय की आबादी 15.6 फीसद है। वहीं, अनुसूचित जाति के लिए 35 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं. ऐसे में देवाशीष का कांग्रेस के भविष्य के अहम किरदार माना जा रहा है।
आपको बता दें देवाशीष फिलहाल चंबल क्षेत्र में नदी बचाओ पद यात्रा में शामिल हैं। देवाशीष जरारिया भिंड-दतिया लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी रह चुके हैं। भिंड में बेरोजगार युवाओं ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ रोजगार दो आंदोलन किया। कांग्रेस नेता देवाशीष जरारिया के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में हंगामा हो गया। कांग्रेस नेता देवाशीष जरारिया ने 4 सितंबर को भिंड में बेरोजगारी के विरुद्ध युवा जनांदोलन किया था। इस प्रदर्शन से दौरान कुछ लोगों ने हंगामा कर दिया था। दोनों पक्षों के बीच देर तक विवाद होता रहा। इस दौरान पुलिस अधिकारी भी मूक दर्शक बने रहे। विवाद इतना बढ़ गया कि बेरोज़गार युवाओं को चुप करवाने आए लोगों में से किसी ने गोली चला दी। इस हवाई फायर से इलाके में दहशत फैल गई। गोली चलाने के बाद हंगामा कर रहे लोग फरार हो गए।
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