ग्वालियर-चंबल अंचलों में युवाओं की सेना, अर्द्धसैनिक बल, पुलिस एवं अन्य सुरक्षा संस्थानों में सेवा करने के दृढ़ निश्चयी विचारों को साकार करने के लिए नए सिरे से सशक्त कदम उठाएंगे और सैनिक स्कूलों की तर्ज पर अंचल में नवीन स्कूल खोलेंगे तथा खेलकूद की सुविधाएं बढ़ाएंगे ताकि युवावर्ग सुरक्षा नौकरियों के लिए तैयार हो सके।
देशभर के सैनिक स्कूल, रक्षा मंत्रालय के तहत ‘सैनिक स्कूल सोसायटी’ द्वारा संचालित किए जाते हैं। पर यह नवीन विद्यालय प्रदेश सरकार के गृह विभाग से संचालित होगें। इसका मकसद हमारी रक्षा अकादमियों में होने वाली भर्ती में क्षेत्रीय असंतुलन से छुटकारा पाना था। इसके अलावा इन स्कूलों के माध्यम से ऐसे युवाओं को चुनना था, जो यहां से निकलकर देश और प्रदेश की सेवा में भागीदार बन सकें। इन स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए कुछ शर्तें रहेंगी। जैसे कि यदि आप अपने बेटे का सैनिक स्कूल में दाखिला करवाना चाहते हैं, तो उसके छठी व नौवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान ही प्रवेश दिला सकते हैं। इस दौरान बच्चे की आयु 10 से 12 वर्ष और 13 से 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके लिए सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा प्रति वर्ष प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। ये स्कूल संबंधित जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार के दायरे में आएंगे।
प्रवेश परीक्षा हर और शारीरिक परीक्षा के द्वारा प्रवेश मिलेगा-इन सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा हर साल होगी। सैनिक स्कूल सोसायटी या सैनिक स्कूल एडमिशन की आधिकारिक वेबसाइट द्वारा जानकारी और प्रवेश कर सकते हैं।
हिन्दी, इंग्लिश और क्षेत्रीय भाषा माध्यम के आवासीय स्कूलइन सैनिक स्कूल पूरी तरह से आवासीय स्कूल होते हैं। इन स्कूलों में मप्र शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई, नई दिल्ली से संबद्ध पाठ्यक्रम द्व्रारा पढ़ाया जाएंगा। प्रत्येक स्कूल में फैकल्टी की कोई कमी नहीं होगी। यहां सभी तरह का प्रशिक्षण देने के लिए व्यापक बुनियादी ढांचा और जमीन होगी, ताकि कैडेट्स को अनुकूल वातावरण में ढाला जा सके।
अंचलिक सैनिक स्कूल खोलने के उद्देश्य –
- समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बच्चों को राष्ट्र के सशस्त्र बलों और अन्य प्रसिद्ध व्यवसायों में एक अधिकारी के रूप में शानदार कॅरियर बनाने में सक्षम बना है। यह स्कूल कैडेटों के सर्वांगीण विकास पर जोर देंगे।
- यहां छात्रों को देश की रक्षा सेवाओं में अधिकारियों के रूप में नेतृत्व करने के लिए तैयार किया जाएंगा।
- छात्रों में शरीर, मन और चरित्र के गुण यहां विकसित किए जाएंगा, ताकि आज के छात्र कल के अच्छे और उपयोगी नागरिक बन सकें। साथ ही वे अपने माता-पिता और राष्ट्र की अपेक्षाओं पर खरा उतर सकें।
ग्रामीण बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उनमें देशप्रेम की भावना जगाना। गरीब परिवार के बच्चे यदि वे टैलेंटेड हैं तो उन्हें हर तरह की सहायता कर आगे बढ़ाना है
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