कांग्रेस और बीजेपी में टिकाऊ बनाम बिकाऊ की जुबानी जंग लगातार जारी है। इस मुद्दे पर अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गईं इमरती देवी के बीच वार-पलटवार हो रहा है। कांग्रेस की तरफ से दिए जा रहे बिकाऊ के तमगे से तिलमिलाई इमरती देवी ने पहले आरोप लगाया कि कमलनाथ जब मुख्यमंत्री थे तो विधायकों को अपने साथ रखने के लिए 5 लाख रुपए महीना देते थे।
इमरती देवी के इस आरोप पर कमलाथ ने करारा पलटवार किया है। कमलनाथ ने इस बारे में पूछे जाने पर पत्रकारों से कहा कि ‘इमरती देवी तो करोड़ों में बात करती हैं। ये बिके हुए लोग हैं। ये लोग सिर्फ आरोप लगा सकते हैं। बिकने वाले खुद थोड़े ही न मानेंगे कि हां हम बिक गए हैं।’
ये सारा घमासान उस वक्त शुरू हुआ जब इमरती देवी ने गुरुवार को डबरा में नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद दावा किया कि कमलनाथ उन सभी कांग्रेस विधायकों को हर महीने पांच लाख रुपये का भुगतान करते थे, जिन्हें वे मंत्री पद नहीं दे पाए थे। इमरती देवी के मुताबिक कमलनाथ को लगता था कि इन विधायकों को अगर बांधकर नहीं रखा तो कहीं सत्ता न चली जाए। इमरती देवी के इसी बयान पर कमलनाथ ने तीखा पलटवार करते हुए एक बार फिर से बिकाऊ का वही तमगा जड़ दिया, जिसे सुनते ही तमाम दल-बदलू बौखला जाते हैं।
कमलनाथ सरकार में भी मंत्री रहीं इमरती देवी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दलबदल करके बीजेपी में आई थीं। जिसके कारण कमलनाथ सरकार गिर गई थी। कांग्रेस का आरोप है कि दलबदल करने वाले विधायकों ने उनकी सरकार गिराने के लिए जनता के जनादेश का करोड़ों रुपये में सौदा किया था। कांग्रेस ने इसीलिए इन विधायकों के खिलाफ उपचुनाव में बिकाऊ बनाम टिकाऊ का नारा दिया है।
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