May 6, 2024

मंत्री पद के लालच में महाकाल की पूजा बीच में छोड़कर चले गए सिंधिया

राज्‍यसभा सांसद और बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया मंगलवार को मालवा दौरे के दौरान उज्‍जैन पहुंचे। यहां उन्‍होंने महाकाल के दर्शन किए। सिंधिया जब महाकाल की पूजा कर रहे थे, उसी दौरान उनके पास एक फोन आया। सिंधिया ने पूजा रोककर फोन उठाया और यस सर, यस सर करके बात की। उसके बाद उन्‍होंने मंदिर के पुजारी को आंख से इशारा करके पूजा जल्‍दी खत्‍म करने के लिए कहा। उसके तुरंत बाद पूजा खत्‍म हो गई और सिंधिया मंदिर से बाहर चले गए।

सिंधिया के साथ आए एक वरिष्‍ठ नेता ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि सिंधिया महाकाल के दरबार में मंत्रिपद शीघ्र मिलने की प्रार्थना करने आए थे। सिंधिया लंबे समय से मंत्रिपद न मिलने से परेशान हैं। नेता ने बताया कि यह फोन पीएमओ के किसी अधिकारी का आया था, जिससे सिंधिया यस सर, यस सर कह रहे थे। सिंधिया फोन पर इतने दबाव में थे कि यह भी नहीं कह सके कि वह अभी पूजा में बैठे हैं।

 गौरतलब है कि सिंधिया मार्च 2020 में कांग्रेस के विधायक तोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। उसके बाद हुए उपचुनाव में सिंधिया समर्थक 10 विधायक चुनाव हार गए थे। ऊपर से दमोह विधानसभा उपचुनाव में भी बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा। सिंधिया पर एक तरफ उनके समर्थक नेताओं का दबाव है कि वे उन्‍हें जल्‍दी कोई मलाईदार पद दिलाएं तो दूसरी तरफ बीजेपी उन्‍हें चुका हुआ नेता मान रही है।

बीजेपी के पुराने नेताओं का तर्क है कि जब सिंधिया ग्‍वालियर-चंबल के गढ़ में अपने दम पर लोकसभा चुनाव नहीं जीत सकते और न ही अपने समर्थक विधायकों को उपचुनाव जितवा सकते हैं, तो फिर पार्टी उन्‍हें क्‍यों ढो रही है। ज्‍यादातर नेताओं का मानना है कि सिंधिया ने जो किया उसके लिए उन्‍हें भुगतान किया जा चुका है, अब रोज-रोज उनके नखरे उठाना पार्टी के हित में नहीं है।

इन सब बातों के मद्देनजर सिंधिया को डर है कि हो सकता है कि उन्‍हें केंद्र में मंत्रिपद मिल जाए, लेकिन शायद मंत्रालय ढंग का न हो। इसीलिए वह पूजा करने आए थे। लेकिन पूजा बीच में छोड़कर जाने से उज्‍जैन में यह चर्चाएं चल रही हैं कि सिंधिया ने महाकाल का अपमान किया है। जो महाकाल अपनी कृपा से रंक को राजा बना सकते हैं, वे राजा को रंक भी बना सकते हैं। वैसे भी मंत्री पद की ऐसी क्‍या लालसा की पूजा ही बीच में छोड़ दी जाए।

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