क्या मुख्यमंत्री की निगाह में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है? – नाथ
भोपाल – डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने सीएम शिवराज से सवाल किया है।
कमलनाथ ने इस समाचार का हवाला देते हुए ट्वीट किया है कि मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया? क्या मुख्यमंत्री की निगाह में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है?
अपने ट्वीट में कमलनाथ ने आगे लिखा है कि शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश पहले ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में देश में अव्वल है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराएं और दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दें। यह मामला सिर्फ प्रेगनेंसी टेस्ट का नहीं है, बल्कि समस्त स्त्री जाति के प्रति दुर्भावनापूर्ण दृष्टिकोण का भी है।
याद रहे कि डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम में युवतियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट का मामला सामने आया है। जब पूछताछ की गई तो डॉक्टर्स ने दलील दी कि हमें तो ऊपर से आदेश था। कन्याओं को विवाह से पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बजाग भेजकर स्वास्थ्य परीक्षण के साथ प्रेग्नेंसी टेस्ट भी कराया गया। गौरतलब है कि शनिवार को गाड़ासरई में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 219 जोड़ों का सामूहिक तौर पर विवाह कराया गया था। युवतियों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बजाग भेजकर स्वास्थ्य परीक्षण के साथ प्रेग्नेंसी टेस्ट भी कराया गया।
पूर्व मंत्री ओमकार मरकाम ने प्रेग्नेंसी टेस्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विवाह के लिए कोई मापदंड बनाए हैं तो सार्वजनिक करें। यह निंदनीय है। इधर, भाजपा जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया का कहना था कि सावधानी के तौर पर टेस्ट होता है। पहले कई शादीशुदा लोगों ने दोबारा विवाह कर लिया था। कई गर्भवती महिलाएं भी शामिल हो गई थीं।
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