मां के शव का पोस्टमार्टम कराने 24 घंटे भटका
पुलिस ने कहा- आधे घंटे में 5 लोग लाओ
भोपाल – ‘9 फरवरी को मां ने घर में रखा एसिड पी लिया। उन्हें होशंगाबाद (नर्मदापुरम) के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां से भोपाल हमीदिया अस्पताल शिफ्ट कर दिया। यहां इलाज के दौरान 11 जनवरी को दोपहर 12 बजे उनकी मौत हो गई। अस्पताल की ओर से हमीदिया अस्पताल की पुलिस चौकी में नोट करा दिया गया। यहां से पीएम (पोस्टमार्टम) का फॉर्म भरने के बाद पुलिस को शव का पोस्टमॉर्टम कराना था। लेकिन, पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया। मिन्नतों के बाद भी पुलिस भटकाती रही। महज आधे घंटे में पंचनामे के लिए 5 लोग बुलाने का कहा गया। मैंने परेशान होकर रिश्तेदारों को बुलाया, तब जाकर सोमवार दोपहर मां के शव का पीएम कराया जा सका।’
यह सीहोर जिले के रेहटी निवासी महेश कीर की दास्तां है। वे अपनी मां के शव के पोस्टमॉर्टम के इंतजार में भोपाल के हमीदिया अस्पताल की मर्चुरी के बाहर 24 घंटे से अधिक समय तक बैठे रहे। अगले दिन लगभग 72 किमी दूर रेहटी से रिश्तेदार भोपाल आएं तब जाकर पोस्टमॉर्टम हो सका।
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