मप्र हाइकोर्ट ने व्यापमं घोटाले के आरोपी हितेश अलावा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस राजीव कुमार दुबे की डिवीजन बेंच ने कहा कि सीबीआई ने ही डीजीपी को मामले की सूचना दी थी कि उसने फर्जी तरीके से पीएमटी 2009 परीक्षा पास कर ग्वालियर स्थित गजराराजा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश ले लिया। सीबीआई ने उसे क्लीन चिट नहीं दी। आदेश दिया कि उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है।
सीबीआई ने 29 मार्च 2019 को प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखा था। प्रदेश के डीजीपी को बताया था कि अलीराजपुर निवासी हितेश अलावा ने 2009 में पीएमटी परीक्षा मध्यस्थों और इम्परसोनेटर की मदद से पास की थी। फिर उसने ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश भी ले लिया। पत्र के आधार पर ही भोपाल एसटीएफ की जांच की। पता चला कि हितेश के पीएमटी परीक्षा फॉर्म और ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के प्रवेश आवेदन पत्र में अलग अलग फोटो लगे थे। अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर भी अलग थे।
आरोपी हितेश अलीराजपुर जिले का रहने वाला है, लेकिन उसने पीएमटी परीक्षा फॉर्म में अपना पता गांधीनगर, पड़ाव, ग्वालियर दर्ज किया था। यही पता व्यापमं घोटाले में अन्य आरोपी खूबचंद राजपूत के महू स्थित वेटरनरी कॉलेज में जमा किए गए दस्तावेजों में भी था। प्रीतम ने पूछताछ में बताया था कि हितेश को पीएमटी परीक्षा पास कराने में खूबचंद ने मदद की थी। भोपाल एसटीएफ ने हितेश के खिलाफ 419, 420, 120 बी भादवि सहित मप्र मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम की धारा 3 डी /4 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी हितेश की ओर अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। इसे सुनवाई के बाद कोर्ट ने निरस्त कर दी।
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