May 5, 2024

भोपाल में 1 हजार से ज्यादा शिक्षकों को रोका पुलिस ने, सीएम हाउस घेरने की तैयारी में थे

भोपाल- भोपाल में करीब 7 साल बाद हो रहा शिक्षकों के बड़े आंदोलन को पुलिस ने सूखी सेवनिया इलाके में रोक दिया। आंदोलन में शामिल करीब 1 हजार से ज्यादा शिक्षक सीएम हाउस का घेराव करने की तैयारी में थे। इसी बीच, आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल को नजरबंद कर दिया गया है। शिक्षक नेता उपेंद्र कौशल ने कहा कि शासन द्वारा धरना प्रदर्शन के लिए शहर में अनुमति नहीं देना प्रजातंत्र में सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति को दर्शाता है।

सड़क पर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक पुरानी पेंशन योजना को दोबारा शुरू करने के नारे लगाते नजर आए। शासन ने संगठन को भोपाल में किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है। करीब 7 साल पहले साल 2015 में संगठन ने भोपाल में प्रदर्शन किया था। इसमें बड़ी संख्या में शिक्षक लालघाटी तक पहुंच गए थे, जिससे ट्रैफिक जाम के हालात बने थे।

अधिकारियों और कर्मचारियों को भोपाल की सीमा पर तैनात किया

प्रदर्शन के लिए भोपाल के अलावा महाकौशल, बुंदेलखंड, मालवा, निमाड़, ग्वालियर और बघेलखंड से शिक्षकों के भोपाल पहुंचे, लेकिन भरत पटेल रैली में कहीं भी नजर आए। प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भोपाल की सीमा पर तैनात किया गया है, ताकि कोई भी शिक्षक किसी तरह से शहर के अंदर न सके। सूत्रों की माने तो इस प्रदर्शन में भोपाल से कोई भी शिक्षक शामिल नहीं हैं।

तिरंगा लेकर रैली निकाली

संगठन ने भोपाल के यादगारे शाहजहानी पार्क, भेल दशहरा मैदान और जंबूरी मैदान में धरने की अनुमति मांगी है, लेकिन शासन ने अब तक अनुमति नहीं दी है। मंगलवार सुबह तक भी अनुमति नहीं मिली। इस कारण्स खी सेवनिया के पास चौपड़ाकलां स्थित श्रीराम जानकी मंदिर से तिरंगा लेकर रैली निकाली।

यह हैं मांगें

सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग, जनजातीय कार्य विभाग व स्कूल शिक्षा विभाग के बीच तालमेल नहीं होने के कारण पिछले 4 साल से क्रमोन्नति यानी समयमान वेतनमान नहीं मिल पा रहा है।
पुरानी पेंशन बहाली नहीं मिलने से शिक्षकों के परिवारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें रिटायरमेंट के बाद 700 से 2000 तक पेंशन मिल पा रही है।
अनुकंपा के लंबित मामले नहीं निपटने से मृत शिक्षकों के परिवार वाले परेशान हैं।
अतिथि शिक्षक कैडर खत्म कर इन्हें नए कैडर में शामिल किया जाए।
तिमाही परीक्षा होने वाली है

संगठन का दावा है कि प्रदेश भर के 60 हजार से ज्यादा शिक्षक भोपाल आ रहे हैं। स्कूलों में जल्द ही तिमाही परीक्षा होने वाली है, ऐसे में सवाल उठता है कि संगठन ने विरोध प्रदर्शन के लिए यह समय क्यों चुना। सीएम के कार्यक्रम में नवनियुक्त शिक्षकों ने पूरा वेतन समेत अन्य मांग पूरी नहीं होने पर कार्यक्रम के बीच में विरोध जताया था। सीएम के जाते ही शिक्षक कार्यक्रम स्थल से पूरा प्रशिक्षण किए ही चले गए थे।

बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर शिक्षक निलंबित हो चुके

कुछ दिन पहले नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भोपाल में हुआ था। शिक्षक संघ के नेता जगदीश यादव भी भोपाल आए थे। उन पर शिक्षकों को भड़काने और बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने के आरोपों के तहत निलंबित कर दिया था। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसी ही कार्रवाई आज प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर भी होगी।

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